गूगल के पॉवरफुल टूल्स – गूगल सर्च कंसोल और गूगल एनालिटिक्स

Last Updated on 1 April 2024 by nidariablog.com

गूगल सर्च कंसोल (Google Search Console) और गूगल एनालिटिक्स (Google Analytics), दोनों ही गूगल के महत्वपूर्ण और शक्तिशाली डिजिटल टूल हैं जो वेबसाइट/ब्लॉग के ऑनलाइन प्रदर्शन के मूल्यांकन और सुधार के लिए उपयोग किए जाते हैं। इन टूल्स के माध्यम से वेबमास्टर्स और डिजिटल विपणन पेशेवरों को अपनी वेबसाइट के प्रदर्शन, उपयोगकर्ताओं के अनुभव और दर्शकों (विजिटर्स) के व्यवहार को विस्तृत रूप से समझने की सुविधा मिलती है। इस लेख में गूगल सर्च कंसोल और गूगल एनालिटिक्स के उपयोग, लाभ, और मुख्य अंतरों के बारे में बताया गया है।

गूगल सर्च कंसोल

गूगल सर्च कंसोल वेबसाइट के प्रदर्शन को समझने और सुधारने में मदद करता है। इस टूल की रिपोर्टों और महत्वपूर्ण आँकड़ों की मदद से वेबमास्टर्स अपनी वेबसाइट की बेहतर समीक्षा कर सकते हैं और सर्च इंजन परिणामों को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसके द्वारा वेबसाइट के ट्रैफिक के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जैसे कि वेबसाइट पर ट्रैफिक कहाँ से आ रहा है, खोज क्वेरी क्या है, आदि। सर्च कंसोल, वेबसाइट के क्रॉल की स्थिति और पेज इंडेक्सिंग सम्बंधित त्रुटियों के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है जिसकी मदद से समस्याओं को सुधारने में मदद मिलती है। इससे यह भी पता चलता है कि वेबसाइट गूगल परिणामों में कैसा प्रदर्शन कर रही है ताकि बेहतर प्रदर्शन के लिए उचित उपाय किए जा सकें। गूगल सर्च कंसोल का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:-

1. गूगल सर्च कंसोल की वेबसाइट (https://search.google.com/search-console) पर जाएं और अपने गूगल खाते से साइन इन करें।

2. साइन इन करने के बाद, अपनी वेबसाइट को गूगल सर्च कंसोल से जोड़ें । वेबसाइट जोड़ने के लिए “Add Property” बटन पर क्लिक करें और वेबसाइट का यू आर एल (URL) दर्ज करें।

3. वेबसाइट जोड़ने के बाद वेबसाइट के सत्यापन के लिए गूगल द्वारा बताए निर्दिष्ट चरणों का पालन करें। आमतौर पर सर्च कंसोल के माध्यम से वेबसाइट में HTML टैग या एक फ़ाइल जोड़ने का अनुरोध किया जाता है।

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4. वेबसाइट को सत्यापित करने के बाद गूगल सर्च कंसोल में अपनी वेबसाइट से सम्बंधित विभिन्न रिपोर्ट्स और जानकारी को देखा जा सकता है। इन रिपोर्ट्स में वेबसाइट के सर्च इंजन परिणामों के बारे में जानकारी, खोज विश्लेषण, त्रुटियों का समाधान तथा और भी कई जानकारियाँ शामिल होती हैं।

5. गूगल सर्च कंसोल का उपयोग करके वेबसाइट पर किसी भी सामान्य समस्या का पता लगाया जा सकता है, जैसे कि क्रॉल से जुड़ी त्रुटियां, डीफेक्टिव URL, पेज इंडेक्सिंग आदि। साथ ही, उन समस्याओं को संशोधित करने के लिए सुझाव भी मिलते हैं।

6. गूगल सर्च कंसोल को नियमित रूप से चैक करते रहें ताकि आप अपनी वेबसाइट को उचित प्रकार से नियंत्रित कर सकें और उसे बेहतर बना सकें।

गूगल एनालिटिक्स

गूगल एनालिटिक्स एक शक्तिशाली डिजिटल वेब एनालिटिक्स टूल है जो वेबसाइट या ऐप्लिकेशन के उपयोग और विश्लेषण करने में मदद करता है। इस टूल से पता चलता है कि वेबसाइट पर कितने लोग आते हैं, किन शहरों और देशों से आते हैं, किस लिंग, भाषा और उम्र के लोग आते हैं, उन्हें किस तरह का कंटेंट पसंद है और उन्होंनें कितनी बार आपकी वेबसाइट को देखा है, आदि आदि। गूगल एनालिटिक्स वेबसाइट के उपयोगकर्ताओं के अनुभव, पृष्ठों की अधिकारिकता आदि की जानकारी भी देता है। इसके द्वारा आप अपने विपणन प्रचार के प्रदर्शन के बारे में भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जैसे कि विज्ञापन की प्रभावशीलता, क्लिक दर, आदि। गूगल एनालिटिक्स का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. गूगल एनालिटिक्स की वेबसाइट (https://analytics.google.com) पर जाएं और अपने गूगल खाते से साइन इन करें।

2. साइन इन करने के बाद अपनी वेबसाइट को गूगल एनालिटिक्स में जोड़ने के लिए “Admin” पैनल में जाएं और खाता (Account) बनाएं और फिर वेबसाइट यू आर एल (Property) को खाते से जोड़ने के लिए बताए गए निर्देशों का पालन करें।

3. वेबसाइट को गूगल एनालिटिक्स में जोड़ने के बाद वेबसाइट संबंधित विभिन्न रिपोर्ट्स और जानकारी को देखा जा सकता है। इन रिपोर्ट्स में दर्शकों के ब्राउज़िंग की गतिविधि, स्थान, डिवाइस, प्रविष्टियाँ, अवधि आदि जानकारी शामिल होती है। ये रिपोर्ट्स उपयोगी होती हैं और बेहतर निर्णय लेने में मदद करती हैं जिससे वेबसाइट के प्रदर्शन को सुधारने में मदद मिलती है।

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गूगल सर्च कंसोल और गूगल एनालिटिक्स में अंतर

गूगल सर्च कंसोल और गूगल एनालिटिक्स दोनों ही गूगल के महत्वपूर्ण उपकरण हैं जो वेबसाइट के प्रदर्शन के बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं, लेकिन इन दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं जो नीचे दिए गए हैं:

1. उद्देश्य :- गूगल सर्च कंसोल (Google Search Console) सर्च इंजन रैंकिंग से संबंधित जानकारी प्रदान करता है, जैसे कि वेबसाइट के सर्च इंजन परिणामों में कैसा प्रदर्शन हो रहा है, और वेबसाइट की त्रुटियों को कैसे सुधारा जा सकता है। दूसरी ओर, गूगल एनालिटिक्स (Google Analytics) वेबसाइट पर ट्रैफिक और उपयोगकर्ताओं की पहुँच के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जैसे कि लोग कहाँ से आ रहे हैं, उनकी उम्र और लिंग क्या है, और वे कितने समय तक वेबसाइट को देख रहे हैं, आदि।

2. डेटा प्राप्ति :- गूगल सर्च कंसोल वेबसाइट के सर्च इंजन परिणामों के बारे में डेटा प्रदान करता है, जैसे कि वेबसाइट की कितनी पृष्ठें इंडेक्स हो रही हैं, कैसे वे सर्च इंजन पर प्रदर्शित हो रही हैं, आदि। वहीं गूगल एनालिटिक्स वेबसाइट पर ट्रैफिक और उपयोगकर्ताओं की पहुँच के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जैसे कि कहाँ से लोग आ रहे हैं, उन्हें किस तरह का कंटेंट पसंद है, आदि।

3. डेटा संग्रह :- गूगल सर्च कंसोल सर्वरों से सीधे डेटा प्राप्त करता है, जिसमें साइट के सर्च इंजन परिणामों की जानकारी होती है। गूगल एनालिटिक्स ट्रैकिंग कोड के माध्यम से डेटा को इकठ्ठा करता है, जो वेबसाइट पर दर्शकों के ब्राउज़िंग की गतिविधि को ट्रैक करता है।

4. उपयोगकर्ता अनुकूलता :- गूगल सर्च कंसोल उनके लिए उपयुक्त है, जो अपनी साइट के सर्च इंजन प्रदर्शन को मॉनिटर करना चाहते हैं। गूगल एनालिटिक्स डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञों, बिजनेस उपयोगकर्ताओं के लिए और वेबसाइट को बेहतरीन करने के लिए उपयुक्त है।

गूगल सर्च कंसोल और गूगल एनालिटिक्स भले ही अलग-अलग उद्देश्य और उपयोगकर्ताओं के लिए विशेष हैं, लेकिन ये दोनों टूल वेबसाइट के प्रदर्शन को समझने और सुधारने में उपयोगी मदद करते हैं।

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