Last Updated on 6 July 2024 by nidariablog.com
जिओ-टैगिंग को जानने के लिए पहले जीआईएस (GIS) को जानना जरूरी है। GIS यानि भौगोलिक सूचना प्रणाली (Geographic Information System), पृथ्वी की भौगोलिक विशेषताएं जैसे नदियां, पहाड़, शहर आदि से संबंधित जानकारी रखने का सिस्टम है।
प्रॉपर्टी या संपत्ति की जियो-टैगिंग (Geo Tagging) का क्या अर्थ है?
जिओ-टैगिंग का अर्थ है, किसी भी प्रॉपर्टी जिसे यूपीआईसी (UPIC) आबंटित किया जा चुका है, उसके वर्तमान स्थान का चयन करके जीआईएस मानचित्र पर उस संपत्ति को एक विशिष्ट या अद्वितीय अक्षांश-देशांतर प्रदान करना ताकि उस प्रॉपर्टी की पहचान उसके अक्षांश-देशांतर की स्थिति से हो सके। वास्तव में यह प्रक्रिया किसी भी प्रॉपर्टी को एक डिजिटल “टैग” से जोड़ती है जिससे पृथ्वी की सतह पर उस प्रॉपर्टी के सटीक स्थान की स्थिति का पता चलता है। ऐसा करने के लिए जीपीएस (GPS) अर्थात् ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम टैक्नोलोजी का उपयोग किया जाता है।
प्रॉपर्टी को जिओ-टैग करने की अंतिम तिथि क्या है?
एमसीडी (Municipal Corporation of Delhi) ने प्रॉपर्टीज़ को जियो-टैग करने की अंतिम तारीख बढ़ा कर अब 30 जून 2024 कर दी है। यदि कोई करदाता अपनी संपत्ति को 30 जून 2024 तक जियो-टैग करने में असफल रहता है तो वे चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रॉपर्टी टैक्स पर एकमुश्त भुगतान पर मिलने वाली छूट का लाभ नहीं उठा पाएंगे। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि अब प्रॉपर्टी टैक्स के अग्रिम एकमुश्त भुगतान की राशि में 10 फीसदी की छूट केवल उन्हीं प्रॉपर्टी मालिकों को मिलेगी जो 30 जून 2024 तक अपनी प्रॉपर्टी की जियो-टैगिंग कर लेंगे।
अपनी प्रॉपर्टी की जिओ-टैगिंग करने के लिए मोबाइल ऐप को कैसे डाउनलोड करें?
सबसे पहले आपको अपने ब्राउज़र में https://mcdonline.nic.in/mcdapp.html टाइप करना है। अब आपको जो पेज दिखाई देगा वहाँ एंड्रॉयड (Android) के लिए बने बटन “MCD App” पर टैप करें। इस तरह UMA (Unified Mobile App) ऐप का नवीनतम संस्करण आपके मोबाइल में डाउनलोड हो जाएगा। यह ऐप एंड्रॉयड संस्करण 5.0 (Android version 5.0) या उससे ऊपर के संस्करणों पर ही काम करेगी।
आप चाहें तो दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की आधिकारिक वेबसाइट https://mcdonline.nic.in पर भी जा सकते हैं। वहाँ आपको दाईं तरफ ऊपर की ओर “Geo Tag Property” का बटन दिखाई देगा, उस पर टैप करें। अब आपको जो पेज दिखाई देगा, उस पर बने “MCD App” बटन को टैप करें। इस तरह से भी ऐप आपके मोबाइल में डाउनलोड हो जाएगी।
अपनी प्रॉपर्टी की जिओ-टैगिंग करने के लिए मोबाइल ऐप को कैसे इंस्टाल करें?
यदि आपके मोबाइल में एंड्रॉयड Android® का संस्करण 7.x और उससे कम है, तो नीचे बताए अनुसार करें:-
- मोबाइल की सेटिंग्स (Settings) में जाएं
- लॉक स्क्रीन और सुरक्षा (Lock Screen & Security) पर टैप करें
- सुरक्षा (Security) पर टैप करें
- अज्ञात स्रोत (Unknown Sources) स्विच पर टैप करें और उसे चालू या ऑन कर दें। अगर कोई चेक मार्क है तो उसे सक्षम करें।
- जारी रखने के लिए, प्रॉम्प्ट या संदेश की समीक्षा करें और फिर ठीक (OK) पर टैप करें।
यदि आपके मोबाइल में एंड्रॉयड Android® का संस्करण 8.x और उससे उच्चतर है, तो नीचे बताए अनुसार करें:-
- मोबाइल की सेटिंग्स (Settings) में जाएं
- ऐप्स (Apps) पर जाएँ
- ऊपरी-दाएँ ओर बने तीन डॉट्स यानि मेनू आइकन पर टैप करें
- विशेष पहुँच (Special Access) पर टैप करें
- अज्ञात ऐप्स इंस्टॉल (Install Unknown App) पर टैप करें।
अब अपने मोबाइल के डाउनलोड फोल्डर में mcdapp.apk फाईल पर क्लिक करें और इंस्टाल करने की अनुमति दें। इस तरह से यह ऐप आपके मोबाइल में इंस्टाल हो जाएगी।
करदाता अपने आप से अपनी प्रॉपर्टी की जिओ-टैगिंग कैसे करें?
आप यह प्रक्रिया यहाँ इंग्लिश में भी जान सकते हैं। सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि आप जिस प्रॉपर्टी को जियो-टैग करना चाहते हैं वहाँ आपको उपस्थित होना चाहिए और आपके मोबाइल की लोकेशन भी ऑन होनी चाहिए। आगे पढ़ें कि क्या करना है:-
- अब मोबाइल ऐप में सिटीजन मॉड्यूल (Citizen Module) को चुनें और अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर का उपयोग करके ऐप में लॉगिन करें।
- ओटीपी (OTP) मांगे जाने पर आपको अपने मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करना है।
- “संपत्ति कर मॉड्यूल” (Property Tax Module) को चुनें।
- अब, उस संपत्ति का यूपीआईसी (UPIC) चुनें जिसे जियो-टैग किया जाना है
- जियो कोऑर्डिनेट कैप्चर (Capture Geo Coordinate) बटन पर टैप करके अपनी संपत्ति का जियो कोऑर्डिनेट कैप्चर करें अर्थात् अधिकृत करें।
- अपनी प्रॉपर्टी की फोटो खींचकर अपलोड करें।
- आप अपनी प्रॉपर्टी के भवन का नाम, फर्श, मकान नंबर आदि जैसे विवरण जोड़ने के लिए कैप्शन टाइप कर सकते हैं।
- “सबमिट” बटन पर टैप करके अपनी प्रॉपर्टी के विवरण को सेव कर लें। और इस प्रकार आप यह प्रक्रिया पूरी कर लेंगे।
जियो-टैगिंग होने के बाद आपकी प्रॉपर्टी का यूपीआईसी (UPIC) विवरण हरे रंग में दिखाई देने लगेगा
अगर जियो-टैगिंग करते समय कोई भूल-चूक हो गई है तो उसे ठीक करने के लिए आपको ऊपर बताई गई प्रक्रिया दोबारा दोहरानी होगी। कृपया ध्यान रखें कि आपको अपनी भूल-चूक सुधारने का अवसर केवल एक ही बार मिलेगा।
संपत्ति मालिकों से अपनी संपत्ति को जियो-टैग करने के लिए क्यों कहा जाता है?
संपत्तियों को जियो-टैग करने का मुख्य उद्देश्य संपत्ति प्रबंधन, भूमि प्रशासन और नागरिकों के लिए बेहतर सेवाओं का प्रावधान करना है। इसके अलावा, टैक्स का भुगतान न करने वाली संपत्ति को जीआईएस मानचित्र पर देखा जा सकेगा ।
संपत्ति मालिकों के लिए प्रॉपर्टी की जियो टैगिंग करने के क्या फायदे हैं?
जियो-टैगिंग से संपत्ति के मालिकों को उनकी संपत्ति के स्थान का सटीक डिजिटल रिकॉर्ड प्राप्त हो जाता है जिससे उन्हें अपनी संपत्ति की सीमाओं को स्पष्ट रूप से चिन्हित करने और संपत्ति पर स्वामित्व अधिकार स्थापित करने में मदद मिलती है। इससे संपत्ति सीमाओं को लेकर होने वाले विवादों को कम करने में मदद मिलती है।
आगे चलकर इसके और भी फायदे हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, वे संपत्ति मालिक जो अपनी संपत्ति बेचना या किराए पर देना चाहते हैं, जियो-टैगिंग होने पर उनकी संपत्ति की दृश्यता और विपणन क्षमता बढ़ सकती है। साथ ही, संपत्ति के खरीदने के इच्छुक लोग या किरायेदार आसानी से पता कर सकेंगे कि वह संपत्ति किस स्थान पर है, वहाँ कैसे पहुंचा जा सकता है, आस पास क्या क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं और इस जानकारी के आधार पर संपत्ति का आकलन कर अपना निर्णय ले सकेंगे।
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